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तन्त्र सिन्धु

नरेन्द्र सिंह

प्रकाशक : भगवती पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :174
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6293
आईएसबीएन :81-7775-000-3

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तन्त्र के प्रति अधिकांशजनों में एकमेव यही भाव दिखाई देता है कि तन्त्र मारण, उच्चारण, वशीकरण तथा विद्वेषण आदि षट्कर्मों का ही शास्त्र है। अधिक-से अधिक तन्त्र को अपना कर व्यक्ति भूत प्रेत आदि निकृष्ट सिद्धियों से समाज को कष्ट दे सकता है इससे अधिक कुछ नहीं।

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    अनुक्रम

  1. आत्म निवेदन
  2. तन्त्र सिन्धु
  3. तन्त्र और तन्त्र का वर्गीकरण
  4. आम्नाय
  5. प्रमुख तांत्रिक सम्प्रदाय
  6. गुरु और दीक्षा
  7. तान्त्रिक साधना के सन्दर्भ में योनि चिन्तन
  8. तन्त्रोक्त नायिकाएँ (शक्तियाँ) एवं उनके फल
  9. नारी-रज साधनम्
  10. शक्ति-साधन विधान
  11. तन्त्रोक्त मन्त्रों के प्रयोग
  12. विद्वेषण के सरल प्रयोग
  13. तन्त्र के सन्दर्भ में यन्त्र-साधना
  14. तन्त्र-संदर्भ में वनस्पति प्रयोग
  15. शक्तिपात साधन
  16. अन्य तांत्रिक प्रयोग

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